पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन फॉर फंगल इन्फेक्शन व आयुर्वेदिक उपचार के साथ जाने फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए

पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन फॉर फंगल इन्फेक्शन

आज हम आपको पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन फॉर फंगल इन्फेक्शन के लिए बताएंगे आप साथ में जानेंगे कि फंगल इन्फेक्शन आयुर्वेदिक उपचार क्या क्या हैं और इस दवा से फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है व फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए आपको भी यदि ये शिकायत है तो आप आयुर्वेद से अपना इलाज करवा सकते हैं आयुर्वेद में बहुत सारी ऐसी औषधियां है जिनसे आप अपना फंगल इन्फेक्शन का इलाज आराम से कर सकते हैं।

पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन फॉर फंगल इन्फेक्शन

पतंजलि योगपीठ द्वारा अनेकों औषधियां बनाई गई हैं जिनमें से एक यह दिव्य कायाकल्प क्वाथ आपके पेट को डिटॉक्सीफाई करता है, आपकी त्वचा को पोषण देता है और एक्जिमा, कैंसर, कुष्ठ जैसे त्वचा विकारों में राहत देता है। दिव्य कायाकल्प क्वाथ प्राकृतिक लेकिन मजबूत जीवाणुरोधी और एंटिफंगल गुणों वाली जड़ी-बूटियों से बनाया गया है। यह घावों को ठीक करता है, त्वचा की जलन को शांत करता है और त्वचा को उसके सामान्य रंजकता को वापस पाने में मदद करता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आपको भीतर से बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र को भी उत्तेजित करता है और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। दिव्य कायाकल्प क्वाथ पूरी तरह से हर्बल फॉर्मूलेशन है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। त्वचा की गंभीर समस्याओं से स्थायी राहत के लिए दिव्य कायाकल्प क्वाथ नियमित रूप से लें।

फंगल इन्फेक्शन आयुर्वेदिक उपचार

हल्दी है फंगल इनफेकन का आयुर्वेदिक उपचार: अच्छी पुरानी हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और साथ ही एंटी-माइक्रोबियल लाभ भी होते हैं। थोड़े से पानी या नारियल के तेल से बने हल्दी के पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं। 

मुलेठी का चूर्ण: मुलेठी या मुलेठी का चूर्ण पानी के साथ लेप के रूप में लगाने से सूजन कम होगी और फंगस के खिलाफ काम होगा। इसे दिन में दो बार लगाएं। 

टी ट्री ऑयल: टी ट्री ऑयल का इस्तेमाल कई प्राचीन संस्कृतियों में फंगल इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता रहा है। वाहक तेल जैसे नारियल तेल में आवश्यक तेल की कुछ बूंदें मिलाएं और इसे त्वचा पर लगाएं। अजवायन का तेल। यह एक अद्भुत इलाज है जिसमें थाइमोल और कार्वाक्रोल के रूप में मजबूत एंटीफंगल हैं। एक वाहक तेल में अजवायन के तेल की कुछ बूंदों को पतला करें और प्रभावित क्षेत्र पर दिन में तीन बार लगाएं। 

ऑर्गेनिक नीम का तेल: नीम के तेल का इस्तेमाल सदियों से आयुर्वेद में फंगल इंफेक्शन के इलाज के लिए किया जाता रहा है। नीम के पेड़ की पत्तियों और छाल से व्युत्पन्न, इस तेल में एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक और विरोधी भड़काऊ क्रिया होती है। नहाने के पानी में जरूरत के पत्ते मिलाएं या नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। उपयोग के बाद क्षेत्र को अच्छी तरह सुखा लें

फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है

अमूमन किसी भी फंगल इन्फेक्शन को ठीक होने में 2 सप्ताह या उससे अधिक लग सकता है हालांकि इनफेक्शन ज्यादा न हो। यदि आपका इनफेक्शन ज्यादा बढ़ गया है तो आपको अधिक समय लग सकता है आपको अपने डॉक्टर की उपचार की जरूरत है हो सकता है आपको आपका डॉक्टर कुछ जरूरी टेस्ट जैसे खून की जांच कराने को कह सकते हैं कुछ प्रस्तिथि में आपको यह करना पड़ सकता है हालांकि साथ साथ आपको खुद को स्वच्छ रखने की सख्त जरूरत है।

फंगल इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए

आपको फंगल इन्फेक्शन में बादाम, सूरजमुखी के बीज, नारियल या अलसी व काली मिर्च, नमक, दालचीनी, सोआ, लहसुन, अदरक, अजवायन, मेंहदी, लाल शिमला मिर्च, हल्दी और अजवायन के फूल। मसाले: एप्पल साइडर विनेगर, नारियल अमीनो और सौकरकूट का उपयोग कर सकते हैं आपको फंगल इनफेक्शन में मांस मछली अंडे और ज्यादा तेलीय चीज नहीं खानी चाहिए।

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